तनसुख कुमार्यासव सिरप लिवर और पाचन विकारों में प्रभावी है।
जीआई विकारों में प्रभावी
मुख्य सामग्रियां: प्रत्येक 10 मिलीलीटर निम्न से तैयार किया जाता है:
प्रक्षेप द्रव्य: लौह-भस्म, सोंठ, कालीमिर्च, पिप्पली, लवंगा, त्वक, इला, तेजपत्र, नागकेसर, चित्रक, पिप्पलिमूल, विडंग, गजपिप्पली, चव्य, हपुसा, धनिया, सुपारी, कुटकी, नागरमोथा, हरीतकी, बिभीतका, आमलकी, रसना , देवदारू, हरिद्रा, दारुहरिद्रा, मुरवा, मुलेठी, दंती, पुष्करमूल, बाला, अतिबला, कौंच, गोखरू, सौंफ, हिंगुपत्री, अकरकरा, उतिंगन, श्वेत पुनामा, रक्त पुनमवा, लोध्र, स्वममक्षिका भस्म, धातकी, मधु, गुड
उपयोग के लिए दिशा-निर्देश:
3 से 6 चम्मच (15 से 30 मि.ली.) बराबर पानी के साथ भोजन के बाद दो बार या आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक के निर्देशानुसार
परहेज : मसाले, तेल, बासी और गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए।
इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह हिलायें।
स्व-निर्मित शराब
(आकार) में उपलब्ध:
450 मि.ली., 680 मि.ली
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें